तुम जो होते तो कैसा होता तुम साथ होते तो वैसा होता तेरे जाने के बाद ही खयाल रहता की तेरे साथ जिंदगी का हर पल सपने जैसा होता पर तुम नहीं हो तो भी कुछ अलग नहीं है, गलत सही नहीं है, सही गलत नहीं है आसमां आज भी वैसा है, चांद भी वही है तेरे न होने से रात भी नहीं पर रही है मेरी कलम के लिखने का अंदाज़ भी वही है, दुनिया के चलने का रिवाज भी वही है तब तुझे पाने की थी और अब भूल जाने की है मेरी हर व करने की आवाज भी वही है हाँ पर सही है दोस्तों बदलता गया है तेरे जाने के बाद दिल से आने खोने का डर निकाल गया है जिंदगी वही है जीने का तरीका है रास्ते मुश्किल नहीं लगते दिल इतना संभल गया है तेरे जाने से मैं थमसा गया था, सब छूटने लगा था पर तुम न जाते तो यह दिल शायद कमजोर बना रहता मेरे सारे सपने तुझसे होते और हकीकत भी तो होता मेरे जीने की हर उम्मीद का धागा तेरी ओर बना रहता तो अच्छा है तो नहीं है और कुछ ऐसा वैसा नहीं हाँ शायद जैसे चाहा था जिंदगी का रन वैसा नहीं है पर जहाँ भी है, जैसा भी है, खुश तो भी है और मैं भी हूँ तसल्ली बस इतनी की हाल मेरा देने जैसा नहीं है तेरा मेरे जैसा नहीं।
Sreeja V
@Wordsmith · 0:17
बहुत सुंदर 1 रियलिस्टिक पर्स्पेक्टिव दिया है इस कविता के द्वारा bhot refreshing la look for word to many more such poems from you।