क्योंकि निराशा को आशा समझा जाता है? जी? हां? निराशा को आशा समझा जाता है? जी? हां? ऐसा इसलिए होता है आंसुओं की भाषा भी निराशा की आशा समझी जाती है। मगर। कई महीनों में सिखा जाती है। जिंदगी की परिभाषा। असल? मायनों में? सिखा जाती है? जिंदगी की परिभाषा? धन्यवाद?
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:23
आशा ही जीवन है तो हम दूसरों से जो उम्मीद रखते हैं, जो आशा रखते हैं वो हमें स्वयं से भी। हमें रखना चाहिए की हम जीवन करते आगे बढ़े और सफलता को पाप्त करे। अपने मंदिर को। अब इसी तरह से कविताएं ते रहियेगा और हम सबको सुनाते रहियेगा। आशा करती हूँ कि आशा की सुनहरी किरण आप के जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा के रूप में संचालित हो। धन्यवाद।
Rashmi Gautam
@krishndiwaniRG · 1:21
तो ये बात आपकी बहुत ही सही भी है कि कई बार ऐसा देखा जाता है लाइफ में कि 2 से की खुशी के लिए हम कहीं न कहीं अपने आप से सैक्रिफाइज करते हैं। तो आपकी पंक्ति के जरिए यह बात पता चलती है कि अपनी इम्पोर्टेंस भी लाइफ के अंदर होनी चाहिए। अपने वजूद की अहमियत भी अपनी लाइफ में होनी चाहिए। और सबको खुश करते करते कहीं अपने आप को न खो दिया जाए। तो यह ध्यान भी बहुत रखना जरूरी है। और बहुत ही सुंदर पंक्तियों के साथ आपने बहुत ही अच्छी कविता लिखी हुई है। धन्यवाद। ऐसे ही लिखते रहिये आप।