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बालधी बिशाल बिकराल

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गोसाईं जी कहते हैं कि यह इंद्र धनुष है अथवा बिजली का समूह है। यह सुमेरु पर्वत से अग्नि की भारी नदी बह चली है। उसे देखकर राक्षस और राक्षसियां व्याकुल होकर कहती हैं। यह वन को तो उजड़ चुका है, अब नगर को और जला देगा।

बालधी बिशाल बिकराल #kavitawali

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