Neelam Singh
@NEELAM · 1:24
जीवनसंगनी, कविता #poetry
इस दुनिया में पुरुष काफी अच्छे हैं। और ईश्वर करे अच्छे ही रहे। पर कुछ पुरुषों में अहंकार भी काफी होता है तो उसी अहंकार से पीड़ित दुखी। 1 स्त्री की कविता में लेकर के आई हूं। कविता का शीर्षक है जीवन संगनी। जिस दिन अपनी काबलियत पर इतराना छोड़ दोगे। उस दिन। आऊंगी तुम्हारे संग। जब अहंकार की चादर हटा लोगे। तब रंग जाऊंगी तुम्हारे। रंग। प्यार को प्यार से ही जीता जा सकता है। जिस दिन ये समझ जाओगे उस दिन।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:12
ह**ो नमस्कार नीलम जी आपने जो जीवन संगनी के मनोभाव को अपने शब्दों में प्रगट किया बहुत बहुत खूबसूरत था बहुत अच्छी कविता है।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:10
ह**ो शिल्पी जी कैसे हो आप थैंक यू आपने मेरी कविता को सराहा उसके लिए थैंक यू सो मच।