Neelam Singh
@NEELAM · 1:10
साहित्यकार, professor Dr. Inder Kumar Sharma ji
आज हमारे साथ हैं डॉ इंद्र कुमार शर्मा जी जो कि 1 प्रोफेसर है। और साथ ही बहुत बड़े साहित्यकार हैं। जिनके द्वारा लिखी गई 1 नहीं बल्कि 33 साहित्यिक। पुस्तकों को पुरस्कार मिल चुका है। कुछ सोचिए? वह पुस्तक कितनी उपयोगी होंगी? तथा कारागार सिद्ध हुई होंगी। जिनको राष्ट्रीय पुरस्कार पुरस्कार है? मिल चुका है। उन पुस्तकों के नाम इस प्रकार है। तमिलनाडु, हिंदी, प्रचार, प्रसार, के विविदायम? तथा बैंकिंग। निंदा। बली? तथा बैंकिंग निमंदाबली। उनकी लिखी पुस्तक पिताजी को भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त है।
Indra Sharma
@iks · 5:00
साहित्य, संगीत और कला ये जीवन की उत्कृष्ट विधाएं हैं जो व्यक्ति साहित्य में रुचि रखता है उसके साथ संगीत और कला ये 2 विधाएं और जुड़ जाती है जहाँ तक प्रश्न यह है कि साहित्य के प्रति रुचि कैसे उत्पन्न हुई? तो मेरा प्रारंभ से ही साहित्य में रुचि रही है आठवीं क्लास? और दसवीं क्लास में मैंने हिंदी में अच्छे अंक प्राप्त किए थे तो इसलिए मुझे जो है साहित्य के प्रति अत्यंत अनुराग रहा क्योंकि मेरी जो पढ़ाई है वो हिंदी माध्यम से हुई है और मेरे पढ़ाने वाले जो गुरु थ वो हिंदी और संस्कृत दोनों के ही विद्वान थे इसलिए साहित्य में हमारा अच्छा अच्छी पकड़ रही साहित्य तो बाद की बात है पहले हमें भाषा पर पकड़ बनानी चाहिए क्योंकि जब तक भाषा और व्याकरण परिस्कृत नहीं होगा तब तक साहित्य के प्रति रुचि नहीं उत्पन्न होगी और जहाँ तक सवाल है 3 पुस्तकों का तो ये जो 3 पुस्तकें हैं तीनों ही पुरस्कृत हैं और पहली जो पुस्तक है वो है तमिलनाडु में हिंदी प्रचार प्रसार के विविध आयाम ये पुस्तक मैंने 50 वर्ष की आयु में तमिलनाडु में रह करके लिखी थी तब मेरी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में मद्रास में तैनाती थी वहाँ पर मैं इस पुस्तक का मैंने प्रणयन किया और पूरे तमिलनाडु में में भ्रमण किया तमिलनाडु का और अनेक साहितिक जो संस्थान हैं उनमें गया अनेक तमिल विद्वानों का मैंने साक्षात कर लिया और चेन्नई में आज भी महात्मा गांधी जी द्वारा स्थापित दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा है जो तमिलनाडु में हिंदी का प्रचार प्रसार कर रही है और ये 1 ऐसी संस्थ है जहाँ पर हजारों की संख्या में प्रति वर्ष, पिता, पुत्री, बेटा, माता सब मिलकर के 1 साथ परीक्षाएं देते हैं और ये जो कारण बताया जाता है कि तमिलनाडु में हिंदी का विरोध है ये सिर्फ 1 राजनीतिक कारण है जबकि वास्तविकता ये है कि तमिलनाडु में हिंदी का कोई भी विरोध नहीं है सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से विरोध है मैं वहाँ पर 6 साल रहा हूँ चेन्नई में हमको कोई भी वहाँ पर परेशानी नहीं हुई बाजार में और और अनेक स्थानों पर मंदिरों में हिंदी का और संस्कृत का बहुत ही अच्छी तरह प्रयोग किया जाता है और ये जो तमिलनाडु में हिंदी प्रचार प्रसार के विविध आयाम जो पुस्तक मैंने लिखी है ये 5 सौ प्रष्ट की पुस्तक है जिसमें 8 अध्याय हैं जिसके अंदर हिंदी की जितनी भी तमिलनाडु में संस्थाएं हैं उनका अध्ययन किया गया है इसके अलावा जितने भी वहाँ पर पत्र पत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं उनका अध्ययन किया है और 11 अध्याय में हिंदी भाषी विद्वानों का विवरण है जिसमें पंद्रह से 20 तक विद्वान हिंदी भाषी हैं जो कि तमिलनाडु में हिंदी का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और 1 अध्याय में यह बताया गया है कि जो तमिल भाषी हैं वे भी हिंदी का मनोयोग से पूर्ण मनोयोग से प्रचार प्रसार करते हैं उनको दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा ने प्रचारक का नाम लिया है वो हिंदी।
Indra Sharma
@iks · 5:00
इसके अलावा जो तीसरी पुस्तक है वो है बैंकिंग निबंधावली ये पुस्तक मैंने सेंट्रल बैंक में मुख्य प्रबंधक के पद पर कार्य करते हुए लिखी इस पुस्तक में बैंकिंग के विविध पक्षों को लिया गया है राष्ट्रीय करण के बाद बैंकों की देश के निर्माण में क्या भूमिका रही? इस पर प्रकाश डाला है और बैंक किस प्रकार से सामाजिक, राजनीतिक और गरीब तबके के लोगों को ऋण देने में अपना योगदान प्रदान करते है इस पर भी प्रकाश डाला है इसके अतिरिक्त बैंकों में जो तकनीकी शब्दावली का प्रयोग किया जाता है उस पर भी हमने इस पुस्तक में प्रकाश डाला है इस पुस्तक को हिंदी अकादमी और हिंदी अकादमी दिल्ली ने पुरस्कृत किया है और इसके अलावा इस पुस्तक में बैंकिंग से संबंधित वित्त से सम्बंधित लेखा से संबंधित अनेक प्रक कार के अध्याय हैं जिनसे 1 सामान्य व्यक्ति भी यह समझ सकता है कि हिंदी में बैंकिंग क्या होती है? और बैंकिंग किस प्रकार से हम लोगों को सीखनी चाहिए ये वित्तीय साक्षरता के वित्तीय साक्षरता जो फाइनेंसियल ड्रेस है इसके लिए बहुत ही उपयोगी पुस्तक है अब मैं तीसरी पुस्तक के विषय में आपको बताना चाहता हूँ तीसरी पुस्तक मैंने अपने पिताजी के ऊपर लिखी है जो की हमारे सभी भाई बहनों का उसमें लेख है और मैं अपने पिताजी से बहुत ही करीब रहा बड़ा पुत्र होने के नाते तो उनसे मैंने अनेक चीजें सीखीं और अनेक बातों का उनका मेरे ऊपर प्रभाव पड़ा और वे रेलवे में स्टेशन मास्टर थे जिसके कारण हमें उनकी नौकरी के दौरान छोटे छोटे रेलवे स्टेशनों पर रहना पड़ता था वहीं हमारी शिक्षा दीक्षा हुई और ये पुस्तक सिल्पी चड्ढा स्मृति पुरस्कार से पुरस्कृत हु हुई है और इस पुस्तक में मानवीय संवेदनाओं और मानवीय मूल्यों का बड़ा ही उत्कृष्ट अध्ययन हुआ है और इसमें जितने भी हमारे भाई हैं बहन हैं रिश्तेदार हैं उन्होंने पिता जी पर अनेक प्रकार की रचनाएं की हैं 1 रचना उसमें से मैं आपको पढ़ कर के सुनाता हूँ पिता तुम वटव्रक्ष छायादार धूप से हमको बचा कर सहते रहे खुद मार पिता तुम वटव्रक्ष छायादार गोदी डाली सी तरह गोदी डाली की तरह झूला झुलाती थी और सूखी और सूनी आँखें भी सपने दिखाती थी संकटों में झुक ना पाया यह हमारा सीस घोरुपिपता काट देता है तुम्हारा आशीष 1 चेहरा गंभीरता करता रहा सदैव अरपण मैं अकिंचन भावना भर क्या करूँ तर्पण इस प्रकार से मैंने ये अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की है और मेरे जो पिता जी थे वो बड़े ही स्टंट मतलब की बहुत ही अच्छी पर्सनलिटी थी उनकी और उनके ऊपर मैंने 1 और रचना लिखी है क्या भूलें? क्या याद करें? अब उनके जाने के बाद व्यक्ति विदा होता है लेकिन रह जाती है? याद रह जाती है? या जीवन की घटनाएं? रह? रहकर? इंसान को? अंतरतम में तड़पाए कहे? इंदर? कविराय पिता का ऐसा सदका सदियों में पैदा होता है? आदमी विस्कतका? धन्यवाद।
Neelam Singh
@NEELAM · 1:31
रौशनी डाली के आम लोग वहां पर हिंदी भाषा का विरोध नहीं करते। वह वह सिर्फ 1 राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है? जो कि झूठ है कि आम आदमी वहां पर हिंदी भाषा का विरोध करता है। मुझे स्वयं भी नहीं लगता कि हिंदी भाषा का तमिलनाडु में विरोध होता होगा। क्योंकि इस बात से हर कोई परिचित है कि हिंदी भाषा हिंदुओं का, हिंदी का अस्तित्व है? हिंदुस्तान का अस्तित्व है। आपसे बात कर करके मुझे बहुत खुशी हो रही है। आपसे बात करके हमें बहुत सी बातों से सीख मिल रही है। और बहुत से सत्य से हमारा परिचय हो रहा है।
Neelam Singh
@NEELAM · 1:13
आपने जो रचनाएं सुनाई। वह बहुत ही सुंदर थी। बहुत ही जीवंत लगी। पिताई हमारे जीवन की नींव होते हैं। बहुत ही खूबसूरत रचनाएं थीं वह। वह। क्या कहते हैं? उन रचनाओं के सच में। आप बहुत बड़े कवि हैं। बहुत से बड़े साहित्यकार हैं। यह। उन रचनाओं को सुनकर ही प्रतीत होता है। साथ ही आपने बैंकिंग के ऊपर भी 1 पुस्तक लिखी है। जिससे आपकी बातों से पता लगता है। वह पुस्तक हमारे लिए बहुत ही लाभकारी है। हमारे को। बहुत सी बातें जो अभी तक नहीं पता। बैंकिंग के बारे में।
Swell Team
@Swell · 0:15
Neelam Singh
@NEELAM · 0:25
भविष्य में आप साहित्य को लेकर के क्या योगदान देना चाहते हैं या देने वाले हैं, कृपया मुझे बताएं साथ ही मैं जानना चाहूंगी और कुछ भी आप अपने विषय में खुद ही बताएं क्योंकि मेरे पास तो जो लिस्ट है आपके किए गए कार्यों की, देश के हित में या देश के लिए जो भी आपने लिखा है वह बहुत लंबी है। तो मैं चाहूंगी आप खुद ही उस पर रोशनी डालें।
Indra Sharma
@iks · 5:00
और जब से हिंदी को हमारे देश में राष्ट्र भारतीय जनता पार्टी आई है और हमारे प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी ने हिंदी का पूरे देश में बिगुल बजाया है वे हिंदी को आगे लाने में सबसे अधिक महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। भारत सरकार का 1 प प्रयास और जारी है कि दक्षिण और हिंदी दक्षिण और उत्तर के बीच में सेतु बने। इस कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने वाराणसी में तमिल कासी संगमम का आयोजन किया है। जिसमें तमिल के विद्वान, हिंदी के विद्वान 1 साथ मिल कर के भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक सभ्यता पर विचार विमर्श कर रहे हैं।
Neelam Singh
@NEELAM · 1:03
आपकी। आपने हिंदी के विषय में जो बताया। ये सुन कर के मेरा हृदय। गौरवंतित हो रहा है कि मैं भारतीय हूं और हमारी हिंदी भाषा को इतना महत्व दिया जाता है। मैं खुद भी हिंदी भाषी हूँ और हिंदी ही ज्यादा प्रयोग करती हूं। हर विषय में, हर बात में, बोलने में। आपकी बात ने मुझे बहुत ही ज्यादा उत्साहित किया है कि हमारी भाषा को विदेशों में भी इतना महत्व दिया जा रहा है। साथ ही अभी आपने बताया कि कि उत्तर भारत और तमिलनाडु के बीच सेतु का हिंदी भाषा का सेतु की तरह प्रयोग किया जाएगा।