Neelam Singh
@NEELAM · 0:47
एक साल गुज़र गया । कविता
1 साल गुजर गया 1 साल आने वाला है कुछ ने दी मन में अपने मन की संतुष्टि कुछ लोगों से मन दूर होने वाला है खट्टे मीठे स्वादों से मन महकने वाला है 1 साल गुजर गया 1 नया साल आने वाला है जीवन के उतार चढ़ाव के बीच मन संभलने वाला है कभी हुआ था निराश कुछ पाने के उत्साह से फिर से खिल जाने वाला है हर साल कुछ न कुछ देखा जाता है कुछ रंग भर कर तो कहीं फीका भी कर जाता है 1 साल गुजर गया 1 साल आने वाला है कुछ अपने पन से संतुष्टि देने वाला है।