Neelam Singh
@NEELAM · 5:00
ठगते पाब्लिकेशन हाऊस,
बेचारा? लेखक। और ठगते? पब्लिकेशन। हाउस में। यह 1 मुद्दा है? जो उठाना चाहूंगी कि खुद? लेखक हो? कर के। जहां तक मैं भी बहुत लिखती हूं। और इसमें कैरियर? बहुत ही मुश्किल से बनता है। अधिकतर लेखक सिर्फ लिखता रह जाता है। और ये सोचता रहता है कि इसमें कुछ अर्निंग के साधन होंगे। शायद हम कुछ कर पाएंगे। और इस चक्कर में वह बहुत लिखता है। बहुत उम्मीदों के साथ। लिखता है। और अंत में वह निराश हो जाता है।
Neelam Singh
@NEELAM · 1:02
1 लेखक यदि लिखेगा तो वह लिखने में ही समय दे पाएगा? और यदि वह अपने घर की जरूरतों के बारे में सोचेगा तो उसे लिखने का समय कहां से मिलेगा? और फिर इस तरह से कहीं? 1 लेखक निराशा के अंधेरे में खो जाता है? क्योंकि सबकी ही लेखक की किस्मत चंद्रमा के समान चमकती नहीं है? और सूरज का तेज नहीं होता सबकी किस्मत में। पर क* से क* उसे क*ाने का जरिया तो मिले उसे वह चैन से बैठ कर अपने घर में 2 वक्त की रोटी खा सके?
Prabha Iyer
@PSPV · 3:28
इससे आपका क्या नुकसान है? बाकी? जो है लोग खरीदेंगे एमाजॉन में हो? या चाहे कितनी इंटरनेशनल मार्केट में भी बिक सकता है? खरीद सकते हैं? तो हां? आप वहां से खरीद लीजिएगा? लेकिन ये तो नामुमकिन है न? ये तो पब्लिकेशन हाउस से तो हो? नहीं सकता है? किसी भी। लेकिन मैंने जो अभी बहुत एंथोलॉजी में पार्टिस किया है। और बहुत कविताएं लिखी हैं। अभी? जो मैं 1 टच में हूँ माइक्रो पोयम्स कलकत्ता के? वहाँ के लोग। पब्लिकेशन हाउस जो है? बहुत अच्छा चीज किए हैं।
Swell Team
@Swell · 0:15
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 3:54
ब*? सीरियसली? इसके लिए। ऐसे चार्ज करना। मुझे नहीं लगता कि यह कोई बहुत ही सही चीज है? मुझे बिल्कुल भी सही नहीं लगता। हां? कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म्स हैं? जो पे करते हैं? काम करने। पर। मैं ये नहीं कहती कि जैसे सारे प्लेसेज वैसे ही होते हैं। हां? कुछ क*्युनिटीज है? जो शायद पे करती हैं? कुछ क*्युनिटीज है? जो पे करती हैं। ब*? अगर हम पब्लिकेशन हाउस की बात करे?
Neelam Singh
@NEELAM · 1:53
और जब अगर हम अच्छा लिखते हैं तो हमारे फैन्स बन जाते हैं अपने आप? ये हमारी? जो कि हमें विश्वास दिलाते हैं कि हाँ हम बहुत अच्छा लिखते हैं। और शायद हमें वही चाहिए होता है बाकी मैं उनके लिए? या अपने लिए? भी। कहूंगी कि पैसा? तो क*ाना जरूरी है? क्योंकि हम बहुत अच्छा काम करते हैं। हमारा यह सब है। लेकिन सबसे पहले हमारे घर के लोगों का? या भारत के लोगों का? 1 सवाल होता है कि कुछ मिलता है लिखने का? तो बस उनको दिखाने के लिए थोड़ा? सा लगता है कि हां पैसा होना चाहिए? और बाकी?
Neelam Singh
@NEELAM · 1:38
नमस्कार? प्रभा जी? आपने हमारी इस चर्चा में भाग लिया है उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। और मैं आपसे आपकी बात से अच्छी तरह से सहमत हूं। और यह भी समझ सकती हूं कि आप मेरे दर्द को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। क्योंकि आप भी मेरी तरह ही 1 राइटर हैं कि 1 राइटर क्या चाहता है? कि क* से क* 1 कॉम्प्लीमेंट री? हमें कुछ तो मिले? और जब हम आपके लिए लिख रहे हैं इतनी मेहनत कर रहे हैं? 1? फ्रेम? दे रहे हैं? अपनी शायरी को? कविता को? आपके लिए? तो? और उसके बदले? आप कुछ नहीं देते? बल्कि?
और यहां मैं कुछ मानती हूँ कि मेरी भी थोड़ी सी गलती है? क्योंकि कॉन्ट्रेक्ट में वो ऐसे लिखते हैं जैसे सारा फायदा उनका होता है। और हम जो बहुत एग्जाइटेड होते हैं? लेखक लोग? कि? अरे हा? मैं पब्लिश करने जा रही हूँ? मैं पब्लिश करने जा रहा हूं? तो उस एक्साइटमेंट में हम बहुत कुछ भूल जाते हैं कि आपका एफर्ट है? 1 बुक? लिखना? 1 बच्चे को जन्म देना? समान? है? तो ऐसा ही हुआ है। और पेडतोलॉजीपेड़ंतोलॉजी का? तो अलग? सा? कॉमेडी है? वो?
अगर आप सेल्फ पब्लिश करने जा रहे हैं? तो? ने? नहीं? तो 1 और ऑप्शन है राइटिंग क*्यूनिटीज का। वहां। पर। आप अपनी राइटिंग दे सकते हो। वो अपनी सोशल मीडिया हैंडल। पर आपको पैसे? वैसे नहीं मिलेगी। पर मेरे खयाल से बुक। से बहुत अच्छा है कि आपका 1 अच्छा सोशल मीडिया हैंडल बने? क्योंकि इन ग्रुप्स के सोशल मीडिया हैंडल। पर आपके राइटिंग पब्लिश होंगे? तो लाइक? आपको। थोड़ी? विजिबिलिटी? ज्यादा। मिलेगी।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:57
थैंक? यू सो। मच। मीरा जी। आपने बेहद अच्छी जानकारी दी है। जो नए लेखकों के बेहद काम में आएगी 1 दिशा देने का काम किया है। आपने। मेरे स्वेल पर बहुत सी अच्छी बातें बताई है। आपने। और मैं भी इसी बात से सहमत रहती हूं कि हमें पेड एंथोलोजी में काम नहीं करना चाहिए। क्योंकि हम क* से क* अपनी इतनी सेल्फ रिस्पेक्ट रख सकते हैं। यदि हम अच्छा लिखते हैं पर हमको खुद पर भरोसा है कि हां, हम अच्छा लिखते हैं तो हमें किसी को पैसा देने की कोई जरूरत नहीं।