@nanda9raj
Rajesh Nanda
@nanda9raj · 1:34

Waqt

article image placeholderUploaded by @nanda9raj
ह**ो? प्यारे? दोस्तों कैसे हो? मैं भी बैठा। बहुत सी बातें सोच रहा था। मन में। बहुत से विचार चले हुए थे। वक्त की बात है। कभी हमारा समय बहुत अच्छा चल रहा होता है। और कभी कभी हमारा समय थोडा खराब भी चलता है। कभी हमें बहुत सारी खुशियां मिलती हैं। और कभी कभी हमें दुखों से गम से भी। गुजरना पड़ता है। तो मेरे उसी पर कुछ लाइनें लिखी हैं। पसंद? आएगी? तो आप मुझे प्रोत्साहन। जरूर करें। प्रोत्साहित करें कि मैं कुछ और भी लिख पाऊँ? क्योंकि मैं अभी ज्यादा नहीं लिख पाता हूँ।

#poetry #kavita #time

@thehilarytales
Saumya Joshi
@thehilarytales · 1:30
नमस्कार? राजेश? नंदाजी? आपने? बहुत प्यारा लिखा है वक्त के बारे में? कि कभी वक्त अच्छा रहता है? और कभी वक्त ठहरा भी रहता है? सबसे जरूरी होता है कि अच्छे वक्त पे जमीन पर रहना। और बुरे वक्त में अपने आप को संभालना। मुझे? बहुत अच्छा लगा। आपका? स्वेल। और हां? यह भी सच है कि हमेशा वक्त अच्छा नहीं रहता है। और अभी मेरा भी। वक्त शायद अच्छा नहीं चल रहा है। क्योंकि किसी ने मेरी 1 पोयम चुरा ली। हम लोग सेम ग्रुप में थे एंथोलॉजी के ग्रुप में।
@kalakalyani1
kala vyas
@kalakalyani1 · 1:26
वाह? क्या खूब? फरमाया है? अपने वक्त के बारे में? सही? तो है? वक्त ने तो भगवान को भी नहीं छोड़ा? भगवान राम को वनवासी बना दिया। हर 1 इंसान के दिल में। वक्त की चोट के निशान मिलेंगे? लेकिन लेकिन वक्त की मार को भगा दे? वो मिसाल हम बनेंगे? मजाक कर रही हूँ। वक्त से भी कोई लड़ पाया? है? भला? लेकिन हम 1 ख्वाब तो देख ही सकते हैं। जैसे कि वक्त को हमने जीत लिया है। जैसे कि ये सोंग मौत नी है? आएगी? 1 दिन? जान? जानी है?
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@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:04

#वक्त #mywordsmypower

देती है? हफ्ते को डुला देती है? रोटी हटा? देती है? हा गई ह? हंसी। और वो खुशी। जो मुझसे रूप हे। आप। बहुत अच्छा लगती है। तब जाएंगे। अच्छा है? देखते रहिए? उम्मीद है। हम। आपको। जल्दी ही नई कविता, कथा सुनें होंगे। धन्यवाद।
@lamhezindagike
Nikhil Kapoor
@lamhezindagike · 2:02
राजेश। आप। उम्र में। शायद हमसे बहुत छोटे हैं। इसलिए इन लाइनों को सुनने के बाद आपको अपने सीने से लगा कर ढेर सारा आशीर्वाद देने का मन हो रहा है। आपने कहा कि आपको शब्दों का जोर तोड़ करना नहीं आता? तो राजेश? जो शब्दों का जोड़ तोड़ करते हैं वो दिल से नहीं लिखते? क्योंकि कविता इंजीनियरिंग नहीं है? जिसमें जके नाप दोलकर पेंच लगाए जाए। आप जो भी लिखते हैं यह आपकी दूसरी कविता है? जो मैंने पढ़ी है? या यह कहूँ आपकी खूबसूरत आवाज में सुनी है?
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