Deepak Mahaan
@MahaanMusings · 5:00
रफी साहब: गीतों के मसीहा
बहुत सी संगीत कार निर्माताओं को स्थापित करने के लिए उन्होंने सैकड़ों गीत मुफ्त मे गा दिए अनेक कलाकारों की चुपचाप आर्थिक मदद भी की क्यूँकि उनका धर्म मान था इस कारण से उनकी आवाज में 1 केजी 4 की शीतलता है, बिजली की थिरकन है, उसकी निर्मलता है सौंधी सौंधी सी हवा की रुहानी ताकत और शोखी भी और ये शख्स जो न्याय शर्मीला न्याय की शरीफ बहुत ही धीमी आवाज में बात करने वाला जब माइक के सामने खड़ा होकर गाता था तो उसकी आवाज में हिमालय की बुलंदी और सागर की गहराई में गुछी हुई मखमली दागी ऐसी दिव्य अमृत का साक्षात्कार होता नौशाद सचिन देव बर्मन काम शंकर जय किशन ऊपिनईयररौशन रफी साहब को प्लेबैक सिंगिंग का सवश्रेष्ठ गायक मानते थे मन्ना डे जैसे गुणी गायक ने भी रफी साहब को मेल फीमेल सब में दुनिया भर का सवश्रेष्ठ गायक कहा है और संगीत का फगामनेतोएकबारमुझसे कहा भी था कि ताउम्र रफी साहब आपने हर 1 संगीतकार की रचना 1 विद्यार्थी की तरह सीखी और फिर कहा और इसलिए उनके सुर झरने के पानी की तरह साफ निर्बल बीच बैठते थे।
Deepak Mahaan
@MahaanMusings · 0:52
बेशक रफी साहब की शक्सियत हर किसी को गाने का मन करता है हर इंसान कुछ देर के लिए जवान हो जाता है 1 अजीब से ख्वाबों की दुनिया में खो जाता है यही शायद उनकी गायकी का बहुत बड़ा 1 गुण है वो आपके सामने लफजों को कानों से ले जाते हुए आपके दिल से आपकी रूह में उतार देते हैं और आपको 1 पूरी की पूरी कायनात की तस्वीर सामने आ जाती है बहुत अच्छा लगा आपके जैसे सुनने वालों जैसे कद्रदानों की हमारे जैसे छोटे मोटे कलाकारों को बहुत जरूरत होती है आदाब शुक्रिया थैंक यू।
Deepak Mahaan
@MahaanMusings · 4:05
dil me maa ke har लोग बुरे हैं कि सारे के सारे हिंदुस्तानी वो बहुत अच्छा करते है वैसे आपने बहुत अच्छा किया जो रिकॉर्डिंग कर डाली जिंदगी हमेशा स्पोन्टिनिटi से, सहेजता से चलती है और ऐसे कई मकान आते हैं जब हम इस तरीके से अपनी मन की करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है और मौसिकी की बात की जाए तो मुझे तो लगता है कि हम ी नहीं तमाम दुनिया के जो मुल्क हैं, जिनके पास अपनी लिटरेचर है, जवान है अपनी मौसी की है वो सब बहुत खुश किस्मत है मैं तो हर प्रकार का, हर तरीके का जो म्यूजिक है उसे सुनता हूँ कई बार कई लोगों की गाय की भाषा के कारण समझ नहीं आती लेकिन उसके बावजूद भी उसको बहुत इंजॉय करता हूँ और जहाँ रफी साहब का सवाल आ जाता है तो बात 1 अलग ही मुकाम पर पहुँच जाती है क्यूँकि सरहदों भाषा, धर्म, मंदिर, मस्जिद के फसाद इन सबसे अलग रफी साहब को लोग 1 बहुत बड़े भीड़ की तरह से, पैगंबर की तरह से पूछते हैं मैंने एससी देखते हैं जिनके मन में 1 दुसरे के लिए बहुत ज्यादा 1 हेट्रेड है, दुश्मनी है लेकिन उसके बावजूद भी 1 बात अगर वो कहीं 1 साथ हो जाते हैं तो वो होती है रफी साहब की गायकी तो रफी साहब वाकई बहुत बड़ी शख्सियत थी हमारी तो जिंदगी में कहना चाहिए कि जिंदगी को समझने की समझ ही रफी साहब के गानों से आई है बेशक हमने तालीम ली बहुत सी लिटरेचर के बहुत बड़े बड़े शायरों को राइटर्स को अंग्रेजी, हिंदी उर्दू पंजाबी में पड़ा लेकिन उसके बावजूद 1 तरीके की जो जेहनियत है वो मुझे लगता है कि कहीं न कहीं हर लब्स की हर दिन दुनिया के छोटी सी छोटी बात के वो कहीं न कहीं रफी साहब की आवाज़ से, रफी साहब की गायकी से मुझे तो समझ आई और इसलिए मैं 1 उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ बहुत क* लोग ऐसे होते हैं जिन्हें दुनिया में कभी कोई बुरा भला नहीं कहता मुझे लगता है कि रफी साहब कुछ इसी प्रकार के आदमी हैं मैंने दुनिया के तमाम मुल्कों में कई बार ऐसा हुआ है मेरे साथ के लोगों ने पैसे नहीं लिए मुझसे सिर्फ इसलिए क्योंकि कहीं रेस्टोरेंट में या कहीं होटल में या कहीं किसी टैक्सी में हमारी गुफ्तगू कहीं रफी साहब की बातचीत तरफ मुड गई और ये मैं बता दूं कि सिर्फ हमारे हिंदुस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश या सिलोन के लोग नहीं, अंग्रेजों के साथ, अमेरिकियों के साथ, यहूदियों के साथ, बहुत ऑस्ट्रेलियन यूरोपियंस के साथ मेरे ऐसे अनुभव हुए हैं जो कि रफी साहब को जानते हैं कई उनके हमारी हिंदी उर्दू को समझते नहीं है जबान को लेकिन उसके बावजूद भी उनके गाने सुनते हैं तो यह मुझे लगता है कि परमात्मा की कोई उनके ऊपर बहुत बड़ी कृपा थी और वो वाकई 1 अलग तरीके के इंसान थे, पैगंबर थे, मसीहा थे, बातचीत करते रहिएगा कभी न कभी हुआ तो जरूर कहीं न कहीं मिलेंगे आपको और आपके शहर को हमारी तरफ से बहुत बहुत दुआए।