@Kirti_19
Kirti Pandey
@Kirti_19 · 0:57

मै प्रीत निभाना क्या जानूं ? चेतन दुबे

मैं? तो माटी का पुतला हूँ? माटी में ही मिल जाऊंगा? जब दर्द दिया है विधना ने। दर्द कीगीठिगाऊंगा। कोई भी मिला नहीं। मुझको। जिसको जग में अपना मानू? मैं? प्रीत। निभाना क्या जानूँ। तुम? 2। पग? साथ? चली? खुद ही तुमने मुख। मोड़ लिया। अपना कहकर? प्राण। मुझे? गैरों से? नाता? जोड़ लिया। आँखों की जोती हुई। मध्यम, अब कैसे? तुमको? पहचानू? मैं? प्रीत? निभाना? क्या जानू? विश्वासों ने? लूटा? मुझको आशा। आंसू में बदल गई। तब दिल में हाहाकार? मचा अंतर की पीड़ा? दहल गई। जब तुमने ही खोल लिया। तब? प्रणय ही तुझे क्या? टानू? मैं? प्रीत? निभाना? क्या जानूं?

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