@Kirti_19
Kirti Pandey
@Kirti_19 · 0:41

कबीर दास के दोहे

हिंदू कहे मोहि राम पियारा तुर्क कहे रहमाना आपस में 2 लडिलड़िमुएमरमनकोजाना कबिरा खड़ा बाजार में मांगे सबकी खैर ना काहु से दोस्ती न काहु से बैर जब गुण को ग्राहक मिले तब गुण लाख बिकाई जब गुड़ को ग्राहक नहीं तब कौड़ी बदले जाए तेरा संगी कोई नहीं सब स्वारथ बदलो मन प्रतीति न उपजै जीव बे सास न हो झूठे को झूठा मिले दूना बदे स्नेह झूठे को सांचा मिले तब ही टूटे ने।

#hindi

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