@Kirti_19
Kirti Pandey
@Kirti_19 · 0:38

ऐसे मन बहलाता हूं ! - हरिवंशराय बच्चन

सोचा करता बैठ अकेले गत जीवन के दुख सुख झेले दर्शनकारी स्मृतियों से मैं उर के छाले सहलाता हूँ ऐसे मन बहलाता हूँ नहीं खोजने जाता मरहम होकर अपने प्रति अति निर्मम उर के घावों को आंसू के कार्य जल से सहलाता हूँ ऐसे मन बहलाता हूँ निकल मुख से जाती है मानव की ही तो जाती हैं लाज नहीं मुझको देव मैं यदि दुर्बल कहलाता हूँ ऐसे मन बहलाता हूँ।

#hindi #Harivanshraibachchan #kavita

@Ambalika
Ambalika Bhowmick
@Ambalika · 0:16
आपकी पढ़ी हुई यह कविता मुझे बहुत अच्छी लगी और मैं आशा करती हूँ कि बहुत जल्दी आपके बहुत सारे स्वेल सुनूंगी और आपका बहुत बहुत स्वागत है स्वेल आप पे।
0:00
0:00