कमला की आंखों में पानी भर आया। वह अपने बेटे बेटे को ढेरों आशीष देने लगी। सुनो जी? अंकुर का फोन आया है। पैसे भेजे हैं? अपने मन। पसंद के? कपड़े ले। आना? मैं? तुम्हारे लिए। सुंदर सी। साड़ी? कपड़े ले आना? और तुम्हारे लिए सुंदर सी। साड़ी? योगेश जी ने मुस्कुराते हुए कहा। ना रहने। 2। मेरे पास। खूब साड़ियां हैं। फिर तैयार होकर दोनों रेस्टोरेंट निकल गए। बेटे का वीडियो कॉल आया? बेटे को? तसल्ली हो गई।
Disha Agarwal
@disha_aga05 · 0:54
ह**ो? मैं? मेरा नाम दिशा अग्रवाल है। और आपकी? ये जो कहानी है? पहली बात तो जो एंडिंग थी वो मैं एक्सपेक्ट ही नहीं कर रही थी कि ऐसी एंडिंग होगी? और दूसरी चीज यह कि हम बहुत बार यह रियलाइज नहीं करते कि कितने सारे तरीकों से हमारे स्पेशली। हमारी मां? हमारी लाइफ को बहुत ईजी बना देती हैं? एंड?
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:18
ह**ो? जया मैं गुड। आप्टन। आपकी। कविता। माँ बहुत अच्छी है। दिल को छूने वाली कहानी है। माँ। ऐसी ही होती है। मां। कभी नहीं चाहती कि उनके कारण उनके बच्चों को कोई भी कष्ट हो? या कोई भी। परेशानी का सामना वो करे। अपनी इच्छाओं को त्याग करके। मां हमेशा अपने बच्चों के लिए सोचती है। अंतिम संस्था। जैसा कि। इस कहानी में अंकुर की। मां ने किया कि उन्होंने अपने मिट्टू के पश्चात होने वाली क्रिया कर्मों? के भी पैसे। वो चाहती? तो वो उन पैसों से अपने सपने पूरे कर सकती थी।
Swell Team
@Swell · 0:15
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 0:33
नमस्ते? जयाजी? बेहद? खूबसूरत। कहानी मार्मिक? अंतिम दायित्व माँ की। अनुकंपा? उनका प्रेम? उतना? त्याग? जितनी भी तारीफ की जाए, क* है। आँखें भर आईं। कहानी। सुनने के बाद। बेहद खूबसूरत। कहानी लिखी। आपने। बहुत बहुत धन्यवाद।