Jaya Chawla
@JayaC · 3:21
Jo nazar mein hai use sach samajh.. jo har rom basa use bhool ja ..
ये राह है। 1 सच है बाकी वो, जो कारवां था धुआं धुआं। ये राह है। 1 सच है बाकी वो, जो कारवां था। धुआं धुआं। जो है हम कदम? मुझे? याद रख। जो निशान िशा, उसे भूल जा। जो है हम कदम से। याद रख। वो जो निशान शा, उसे भूल जा। यह हसरतों की चांदनी किसी आंगन, ना कभी रुकी। यह हसरतों की चांदनी किसी आंगन, ना कभी रुकी। जो शजर है उसे याद रख। जो महक लगे, उसे भूल जाए।
Kushagra verma
@Kushagraverma · 0:57
जया जी। आपने बहुत ही खूबसूरत तरीके से बोला है। मैं गजलों की नॉलेज तो नहीं रखती हूं? लेकिन हां मैंने आपको सुना तो बस सुनती रह गई कि आसानी से आपने? आपने? अलफांसो में जो याद रखना है। और जो भूल जाना है उनको कितने अच्छे से आपने? दर्शा दिया है? कि जो यादें रखने? जो याद रखने की यादें हैं उनको ब*ोर लो? और जो भूल जाने के अहसास है उन्हें भुला। 2। और हम अक्सर सर यही करते हैं। जो भूल जाने की बातें होते हैं से। याद रखे। उन यादों के साथ में नाइंसाफी कर देते हैं।
Rajesh Nanda
@nanda9raj · 0:15
बहुत ही सुंदर। बहुत ही अच्छे तरीके से। आपने। जो नजर में है उसे सच। समझ बहुत ही अच्छे तरीके से। आपने। गाया बहुत ही अच्छी आवाज है। आप इसी तरह से लिखते रहे। और गाते रहे। और हमें सुनाते रहे। थैंक यू।
Kunal Jain
@sonofindia · 0:18
जया जी। बहुत अच्छी सहज साधारण तरीके से आपने गाया। और आपकी आवाज जो बड़ी mpरeसivहैतोउसमें बहुत ही मजा आया। सुनने में। थैंक यू वेरी, मच एंड कुंग्रैशुलेशंस ऑन दिस रिसाइटल।
good morning jai gazal a la mass, बोल लेता हूँ। जो गुमान था वो मुझे भूल गया। अब उस राह चल के मैं क्या करूँ? उसे याद रखा? तो दिल भी बिखर गया। उस राख का मैं अब क्या करूँ?
Swell Team
@Swell · 0:15
Jaya Sharma
@jayasharma · 1:22
हेलो? जया जी हमेशा की तरह। बहुत ही खूबसूरत गजल। और उससे भी खूबसूरत आपका। पेशे? अंदाज? आपने कहा कि जो नजर में है उसे याद रख? और जो गुमान था उसे भूल जाए? नहीं? मेरा मानना थोड़ा अलग है। जो नजर में है वो तो नजर में रहेगा ही। नजर के सामने। पर जो गुमान था मैं उसे भी कतई? कतई? नहीं? भूलना? चाहती? क्यों? क्योंकि वो मेरे जीने की वजह है? और मासूम? अहसास। दिल के कोने में। हमेशा हमेशा के लिए दफन रहते हैं। पर जब कभी हम उदास हो जाते हैं? या एकाकी पन महसूस करते हैं।