@inspiring_soul
Shilpy Saxena
@inspiring_soul · 0:32

Kuch bate stree ki nazar se!

article image placeholderUploaded by @inspiring_soul
कुछ बातें स्त्री की नजर से। ना मैं किसी से दूर हूँ न किसी के करीब हूँ। जिसकी जितनी सोच उनके लिए उतनी ही मौजूद हूँ। कभी गलत? तो कभी सही हूँ, किसी के लिए बुरी? तो किसी के लिए अच्छा, किसी के लिए बेवफा? तो किसी के लिए। वफादार। हूँ। इसलिए कहती हूँ? जिसकी जितनी सोच मैं उनके लिए उतनी ही मौजूद हूँ।

#Woman #womanhood

@lamhezindagike
Nikhil Kapoor
@lamhezindagike · 0:49
बेहद? खूबसूरत। पंक्तियां और पंक्तियों के साथ साथ बेहद। खूबसूरत। संदेश। सही बात है। स्त्री को आदमी उतना ही समझ सकता है जितना उसकी आंखें देख। सकें। किसी भी स्त्री को समझने के लिए उसकी देह नहीं बल्कि उसके दिल को। समझना बहुत जरूरी होता है। उम्मीद है आप इसी तरह से लिखती रहेंगी। और हम इसी तरह से आपकी बातें सुनते रहेंगे। आपको हमारा ढेर सारा स्नेहल आशीर्वाद।
@Nehakesaath
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@Nehakesaath · 0:24
बहुत ही खूबसूरत तरीके से। आपने। स्त्री क्या है? और कौन? स्त्री को क्या और कितना समझ सकता है? बहुत ही सरल तरीके से आपने। यह लिखा है। शिल्पी जी बहुत ही खूबसूरत। थैंक यू सो। मच।
@nayantara
nayan tara
@nayantara · 0:58
ह**ो? शिल्पी। आपका स्व। सुना। बहुत अच्छा लगा। मर्म भरी बातें आपने लिखी। और अच्छे। अंदाज में। कहीं। काफी मीनिंग फुल था? शायद? हर स्त्री? हर लड़की। कहीं? कभी न कभी इस दौर से रुबरु होती है। जहां पर वो या तो स्वयं के साथ या आसपास में या अपनी माँ के साथ? या अपनी भाभी के साथ? या किसी और के साथ यह सब होता हुआ देखते हैं। या खुद भी ऐसी कई चीजों का सामना करती हैं। तो अच्छा स्वर था। आपका दिखते रहिये पोस्ट? करते रहिये।
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