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तुम्ह। है? सोचते। तुम? सुन? पाओगे क्या? माशाला? तेरी समझ? पेजी। सद के दिल? तार मेरे हम कुछ कहना? चाह? ते? हैं? तुम? समझ पाओगे क्या? सारी? दुनिया रुसवा करके पास। तुम्हारे। आ भी गए। हम। तुम्हारे? होना चाहते हैं। तुम। मेरे। हो? हो? पाओगे? क्या? लिए? चुरा? सब? बोल? तेरे गुरु। कलम? तेरी स्याही से रिश्ते को आदत? नाम दिया? रिश्ते में? बंद? पाओगे क्या? नजरों के रस्ते होकर दिल में बस? पाओगे क्या? हम तुम्हें लिखते हैं? तुम? पढ़ पाओगे क्या?
Abhishek Negi
@Abhishek1156 · 0:47
hi guru, i really like your voice and your poetry currently my exams are going on but in my free time i used to right some poetry so here is on दिल को जिसकी चाहत है दिलको जिसकी चाहत है लकीरों को वह मंजूर नहीं किस्मत में जो लिखा है वो दिल को क्यों कबूल नहीं किस्मत है अगर लकीरों में पर लकीरें तो सबके पास है फिर किस्मत को क्यों दोष देना अगर लकीरों का हाथ है दू लेट मी नो आपको ये पोयट्री कैसी लगी वेल्क* टू।
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