so he today in or to share one of my poem which i had रिटन very long ago and it had to share it because its very inspiring so its goes लाइक कुछ सवालों में उलझी हूं, कुछ जवाबों में उलझी हूं ऐ जिंदगी मैं तो तेरे हालातों में उलझी हूं, कभी तुझे सुलझाती हूँ तो कभी खुद को तुझमें उलझाती हूँ, कभी अकेले में रोती हूँ तो कभी रो रो कर सोती हूँ कुछ पाने की उम्मीद में मैं हर दिन शायद खुद को ही खोती हूँ अब बहुत हुआ लुक्का छुप्पी का खेल, बहुत हुआ तेरा और मेरा इशारा वाला मेल चल अब अंतिम प्रयास की बारी है चल अब हारना नहीं है अब बस खुद की जंग जीतने की तैयारी है चल आखिरी बार कोशिश का आगाज करते हैं चल अब जी लगाकर अंतिम प्रयास करते हैं हारना जीतना तो तेरे हाथ में नहीं पर चलना 1 बार जीत पाने की उम्मीद में 1 अहसास करते हैं सो हैरएटेज।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:07
हैल्लो डियर बहुत पॉजिटिव वाइप के साथ थी आपकी ये पोइम और मुझे बहुत ही प्यारी लगी।
Swell Team
@Swell · 0:15
Avijit Raj
@Mr.Gentleman96 · 0:32
hello good morning first thing i was lovely poin and i hope that i can listen to more of this in the future as well cafe ace bahot pasnd age share to bilkul share kea how A-R-S poitrybakiit was a very fantastic on thank you for sharing and next time shapकhar।
Abhishek Gupta
@Abhiroxxxx · 0:24
इन हालातों का क्या कहें? इन जज्बातों का क्या कहें? इन हालातों को क्या कहें? इन जज्बातों का क्या कहें? उम्मीद है सब होगा ठीक उम्मीद है सब होगा ठीक अब इससे ज्यादा और क्या कहें।