hello everyone perticular on its about relation of dad and son कैसे कreलेशnchेnज pedftimdताहूँ में प्यार भी करता हूं मैं छोटी छोटी जिद पूरी करता हूं हूँ मैं पर बड़ी जिद को समझाता हूँ मैं पिता हूं, मैं दोस्त नहीं हूँ मैं नही यार हूं मैं जब तू 1 छोटा सा था तेरा आसमान था मैं जब तू पाठशाला में था, तेरा लक्ष्य था मैं जब तू कॉलेज में आया था तेरे समझ के बाहर था मैं जब तू जवान हुआ तब नसली फासला आ गया हमने नसली फासला इस जनरेशन का जब तेरी शादी में नाचा तुझे शर्मिंदा किया मैं जब तू पिता बना तो दादा बना मैं जब तेरे बच्चे बड़े हुए तब फिर से मैं तेरा पिता बना।
Sreeja V
@Wordsmith · 0:16
good morning बहुत ही बढ़िया है लास्ट लाइन मेरा सबसे प्यारा लाइन है मेरे लिए very nice बोलते हैं na that child is the fader of man।
Jaya Sharma
@jayasharma · 1:04
हेलो सर। आपकी कविता बहुत ही अच्छे थे। आपने जिस तरीके से 1 पिता और उसके बेटे के संबंधों के बारे में इस कविता में वर्णन किया। हकीकत में बहुत ही अच्छा लगा। हकीकत में यही रिलेशन होता है। 1 बाप और बेटे के बीच। उसकी हर जिंदगी का हर 1 लंबा हर 1 पड़ा। जो बेटा पार करता जाता है। पिता उसमें अपनी परछाई देखता है। और जब बच्चा अपना बाप बन जाता वह जब पिता बन जाता है तो वो जो बाप है वो वापस से उसका फिर से पिता बनता है।