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@changemakers

Featuring grassroot stories and initiatives that spark change through upliftment, empowerment and inspiration

@Wordsmith
Sreeja V
@Wordsmith · 4:19

ओफ किसान, बै किसान, फोर किसानः नीतूबेन पटेल फौनडर सजीवन

article image placeholderUploaded by @Wordsmith
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का 1 महत्वपूर्ण योगदान रही है नीति आयोग ने 1 वाइट पेपर प्रकाशित किया है जिसका नाम है अ न्यू पैराडाइम फॉर इंडियन एग्रीकल्चर और इसमें बताया गया है कि लगभग फॉर्टी फाइव प्वाइंट सिक्स परसेंट जो भारत भारत की पॉपुलेशन है वो कृषि में लगी हुई है कृषि और उससे जुड़े कार्यकलापों में लगी हुई है लेकिन कृषि की जो भारत के जी डी पी में कॉन्ट्रीब्यूशन है वो केवल थर्टीन प्वाइंट फाइव परसेंट है इससे कई बातें उभर कर सामने आई है पहले कि जो कृषि में मजदूर की उत्पादकता है यानि की प्रोडक्टिविटी है वो अन्य इंडस्ट्री से काफी क* है दूसरी भारत में किसानों की जमीन की जोत यानि कि लाइन होल्डिंग जो है वो अभी भी छोटी है तीसरी भारत में आधी से ज्यादा फसली क्षेत्र यानी कि क्रॉप वषीसिंचक यानि की रेनफेड है और चौथी और सबसे महत्वपूर्ण बात पर्यावरण प्रदूषण आजकल की खेती में अधिक उत्पादन और लाभ के लिए कृषि में विभिन्न प्रकार के रसायन कीटनाशक शाकनाशी और और उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है जिससे मृदा की उर्वरता क्षीण होने के साथ साथ पर्यावरण पर भी इसका कुप्रभाव होता है इसके अलावा किसान अब भी अनौपचारिक ऋण यानी की इनफॉर्मल क्रेडिट पर ज्यादा निर्भर है इन विभिन्न चुनौतियों को मध्य रख कृषि में उत्पादकता बढ़ाना और साथ साथ कृषि को संधारणीय यानी कि सस्टेनेबल बनाए रखना अनिवार्य है इसके लिए भारत में एग्रो कॉलेजी या कृषि पारिस्थिति की एवं प्राकृतिक खेती यानी कि नेचुरल फार्मिंग को आगे बढ़ाना जरूरी है है कृषि उत्पादन प्रणालियों से संबंधित पर्यावरणीय प्रक्रियाओं के व्यवस्थित अध्ययन को कृषि पारिस्थिति की या एग्रो इकॉलॉजी कहते हैं पर भारत में बहुत सारे किसान इन प्रिंसिपल्स को अपनाते हुए इस दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं राजकोट गुजरात में सजीवन फाउंडेशन किसानों के उद्धार के लिए काम कर रही है इस फाउंडेशन को नीतू बेन पटेल ने स्थापित किया नीतू बैन का जन्म गुजरात के 1 छोटे से गांव के 1 किसान परिवार में हुआ अपने परिवार को बचा से ही खेती से जुड़ी कई चुनौतियों से जूझते देख उन्होंने खुद का बिजनेस सेट अप करने का सोचा और बहुत ही क* उम्र में यह कर भी दिखाया लेकिन उनका मन नहीं भरा उन्हें एहसास हुआ कि खेती से जुडे कार्य और किसानों की भलाई के लिए काम करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है अपने बिजनेस को छोड़ उन्होंने किसानों के लिए काम करने का फैसला किया उन्हें काम करते करते इस क्षेत्र में उभरते समस्याओं का सामना करना पड़ा किसानों को कृषि से जुड़े टेक्नोलॉजीज के बारे में पता नहीं था उनको अपने उत्पाद के लिए सही कीमत नहीं मिल रही थी ज्यादा कीटनाशक और रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल हो रहा था उन्हें स्टेट और सेंट्रल गवर्नमेंट के सब्सिडीज और स्कीम्स के बारे में पता नहीं था और इसलिए लाभ भी नहीं उठा पा रहे थे सरकार और किसानों के बीच के माध्यम के रूप में नीतू बेन पटेल ने सजीवन का स्थापित किया नीतू बैन आपका चेंज मेकर्स में स्वागत है आपका सजीवन को स्थापित करने का विजन क्या है? और किस तरीके से आप इस विजन की ओर बढ़ रहे हैं? हमें बताइए।

#changemakers #organicfarming #womenentrepreneurs

@Nituben
Nituben Patel
@Nituben · 5:00
जी बहुत बहुत धन्यवाद आपने मुझे चेंज मेकर में बोलने का मौका दिया आपका क्वेश्चन था कि सजीवन को स्थापित करने का हित किया था तो पिछले 20 22 साल से हम इस फिल्म में काम कर रहे हैं और ऐसे ही फ्रीलांसर काम कर रहे थे किसी को कोई भी ह**्प की जरूरत पड़ी फार्मर को कोई बीज चाहिए या कोई मार्केट चाहिए या उनको कोई अवसर के लिए कोई सलाह चाहिए तो वो हम ऐसे ही फार्मर को देते थे और अपने खर्चे से अपना खुद का विकल लेकर खुद का टिफिन साथ में होता है वैसे हम प्रवास करते रहते है तो 2018 में ऐसा विचार आया कि हम कोई 1 संस्था बनाएं जो 1 बैनर के नीचे काम करें तो सजीवन की स्थापना हमने 2018 में की 20 साल का एक्सपीरेंस जो था वो सजीवन फाउंडेशन के साथ जुड़ा और हमने 5 मुद्दे नकी किए कि सजीवन फाउंडेशन जो है इस 5 मुद्दे पर काम करेगा खेती आयुर्वेद वो दोनों हमने बहुत अच्छे से 1 कॉमर्शियल मॉडल तैयार किया और पर्यावरण, पक्षी और पानी इन 3 विषय को हमने हंड्रेड परसेंट सोशियल तरीके से आयोजन किया तो पांचों विषय जो है 1 दूसरे के पूरक विषय हैं पक्षियों में बोले तो जो आपने बोला कि आपका इसके पीछे हेतु क्या था और किस तरह से आप आगे बढ़ रहे हो तो पक्षियों में हम काम कर रहे हैं रेस्कू में जो बढ़ होते हैं, किसी के नेस्ट जो टूट जाते हैं बारिश के पवन में कभी कभी उनका जो घर है वो गिर जाता है कभी कभी जो हमारा त्यौहार होता है पतंग का संक्रांति में तब काफी सारे पक्षियों के पंख तोड़ जाते हैं उनके पैर में दौरे अटक जाते हैं तो उनका हमारे संस्था पर लाके उनका ट्रीटमेंट करना फिर उनको ट्रीटमेंट करके उसके एरिया में छोडना ऐसे ही एनिमल के लिए काफी सारे केस के लिए स्केल के बच्चे के लिए फिर पानी के लिए छोटे छोटे जो वेटिवर के 1 अवसर दे आते हैं उनके उपयोग से पानी को कैसे बचाया जाए, ल** स्लाइन स्लाइनिंग को कैसे रोका जाए उसे उस हिसाब में काम कर रहे हैं और पर्यावरण में पौधे लगाना और अवसदियों का निर्माण करना खेती और आयुर्वेद में सीधा जुड़ है इंडस्ट्री के साथ जो भी फार्मर मटेरियल उगाते हैं तो उनका मार्केट आगे कैसे हो, उनका ब्रांडिंग कैसे हो, उनका मटेरियल का प्राइज कैसे मिला उस उस हिसाब से हम काम कर रहे हैं इस इसी जब काम चालू था तो 2020 में गवर्नमेंट का 1 स्कीम था फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन उसमें 11 फार्मर डायरेक्टर बनते हैं और 290 फॉर्मर को साथ में जोड़ के 303 सौ 1 फार्मर का क्लस्टर बनता है और उनका पूरा जो सर्विसिस है वो हमारी संस्था देती है फॉर्मर का कंपनी खोलना, उनका जीएसटी लेना, उनका फूड लाइसेंस लेना, उनका प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाना गवर्नमेंट का जो भी काम है गवर्नमेंट के टेबल के जितने भी काम है बीएफएफ ए पी ओ वो हमारी संस्था करती है मतलब ऐसा समझो कि सरकार की बात है वो फार्मर तक और फार्मर की बात है वो सरकार तक दोनों को समझ के 1 ब्रिज का काम हमारी संस्था कर रही है और दूसरा अभी 2021 में डांग अपना जो एरिया है गुजरात का दक्षिण एरिया है और वहां बहुत बड़ा आदिवासी का बेल्ट है और सब आदिवासी के पास थोड़ी थोड़ी जमीन है तो पूरे डांग को सरकार ने नैचुरल जायर किया ऑर्गेनिक जार किया प्राकृतिक जायर किया तो उनका पूरा डॉक्यूमेंट करना, पड़ा में रजिस्ट्रेशन करना, उनका ऑडिट करना फिर उनका 1 साल पूरा होने के बाद उनका जो भी मटेरियल उत्पादन होता है उनका पैकिंग करना, उनका प्रोसेस करना, उनका मार्केटिंग करना साथ साथ में उनका वैल्यू एडिशन करना तो 18 हजार के आस पास फार्मर जो है डांग में है और 22 22 जिले में सुजन फाउडेशन का काम चल रहा है वहां सब मिलके कुछ 20 हजार के आसपास फार्मर है तो सीधे हमारे साथ कुछ फोर्टी थाउजेंड के आसपास फार्मर जुड़े हैं और जो उनका डेटा है मतलब ओन पेपर हमारे साथ सब फार्मर जुड़े हैं और ऐसे रेंडमली बोले तो 50 हजार और फार्मर जुड़े हैं तो 90 हज़ार 1 लाख के आस पास हमारे साथ फार्मर जुड़े हैं थोड़े राजस्थान और थोड़े महाराष्ट्र में भी है तो सब मिला के सजीव इनफार्डेशन सीधा 1 लाख फार्मर के साथ जुड़ा हुआ है और काम कर रहा है और इसके लिए जो सुनने वाले हैं उनको कोई भी हमारा क्वेशन हो या कोई भी पूछना हो या सीजी इंफॉर्मेशन की कोई भी ह**्प चाहिए आप कभी भी पूछ सकते हो थैंक यू थैंक यू वेरी मच।
@Wordsmith
Sreeja V
@Wordsmith · 0:49
बहुत बढ़िया नीतू बैन 1 लाख किसान आपके साथ जुड़े हैं ये सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई आपने जब फार्मिंग का रास्ता ये चुना इनफार्मर्स को लेके साथ साथ चल पडे आपने और्गनिक फार्मिंग करने की शायद ठान ले ले ली थी तो इसके पीछे का थॉट प्रोसेस बताइए हमें क्योंकि ऑर्गेनिक फार्मिंग करना बहुत कठिन है इसके लिए मार्केट ढूंढना और प्रोड्यूस को 1 सही कीमत पर बेचना यह सब काफी कठिन चीजें हैं तो ये रास्ता आपने कैसे तय किया और मैंने यह भी पढ़ा कि ये जो फार्मिंग है क*्पलीटली सर्टिफाइड ऑर्गेनिक फार्मिंग है जो आप कर रहे हैं तो इसके बारे में हमें बताइए।
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