स्वयं पर और परमेश्वर पर विश्वास करें
जैसे 1 अंधकार में दिया जलाते समय अंधकार गायब हो जाता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मन में आस्था? या विश्वास का होना? 1 प्राकृतिक गुण है। किसी मनुष्य के अन्दर किसी भी कार्य के प्रति आस्था एवं विश्वास जितना सदृण और मजबूत होगा वह उस कार्य में उतनी ही। तल्लीनता से, मनयोग से, मन से, तन से। जुड़ा रहेगा। जिन कार्यों को हम आस्था के बिना करते हैं। उन्हें हमारा मन में 1 अनावश्यक थोड़ा सा अस्वीकार करता है। वो कहता है? यह काम? मेरा नहीं है। वह कार्य कभी भी वक्त पर पूरा नहीं हो सकता।