abhilasha Deshpande
@aboli · 2:42
रिश्तो मे समर्पण किस रुप हो
हेलो? फ्रेंड्स? आज मैंने रिश्तों को। रिश्तों में जो समर्पण होता है, उस बारे में कविता लिखने की जरुरत की है? आई होप आप लोगों को। मेरी ये जरूर? पसंद आएगी। और आपके बाद आपके विचार। ऐसे में? कितनी? सहमत हूँ? यह भी? आप? मुझे? बताएगा। क्यूंकि? मेरे विचारों से। अगर आप सहमत होंगे तो लाइक और कमेंट तो कर ही देंगे। और शेयर भी कर ही देंगे? यह मुझे पता है। मेरे कविता का टाइटल है। रिश्तों में। समर्पण संबंधों में।
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 1:24
नमस्ते? अभिलाशा जी। आपकी। जो कविता है। रिश्ते में। रिश्तों में। समर्पण किस रूप में हो? बहुत ही सटिक और अच्छी कविता। आपने लिखी है। क्योंकि बिना समर्पण के। कोई भी रिश्ता ज्यादा समय तक टिकता नहीं है। अगर हम हमेशा खुद के ही बारे में सोचते रहेंगे तो हमारे रिश्ते हमारे साथ ज्यादा दिन नहीं रहेंगे। तो रिश्तों में तो समर्पण होना ही चाहिए। अपने के लिए। त्याग की। भावना? न हो? समर्पण न हो? तो फिर उस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं हो सकती है। और ईश्वर को समर्पित? बिल्कुल।