गिनती है। तारों को। वहम की रात में? खिड़कियां? गिनती है। तारों को। वहम की रात में? अक्सर जैसे हम बट जाते हैं। त्यौहारों में? डूबता है? सूरज? हिस्से के बटवारे में? डूबता है? सूरज? हिस्से के बटवारे में? निश्चित है? जो सब पहले से? तो फिर मेरा क्या? और तुम्हारा क्या? आई? होप? आप सबको? यह कविता पसंद? आएगी? और आपको? अगर पसंद आये? तो? लाइक और कमेंट करना? मत भूलिएगा? थैंक यू?
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 1:19
याद नहीं? रखेगा? आपका? जो वजूद है? आप ने? जो अपना अस्तित्व है? अपनी जो पहचान है। इस दुनिया में। सबके सामने जो रखी है वही लोग याद रखेंगे? तो अस्तित्व कैसा? होना चाहिए? यह तो आपको पता चल ही गया होगा?
नमस्कार सबको आशा करती हूँ की आप सब ठीक और खुश होंगे। तो आपने जो है आज बहुत ही अच्छी है। पोइटरी लिखी है जिसका शीर्षक है अस्तित्व कैसा होना चाहिए? तो मुझे आपकी 1 लाइन जो है आप बहुत ही अच्छी लगी की निश्चित है। जब सब कुछ पहले से ही तो फिर चिंता करने की क्या जरुरत है? तो आपने जो है बहुत ही अच्छी पोइटरी लिखी और ऐसे ही लिखते रहिये और हमें सुनाते रहिये। गॉड ब्लेस? यू।