hello guys namaste age to books chung recently दोनों रिटर्न है फेमस आनंद प्रैक्टिकल में लिखते हैं जिनकी 1 बुक है असुरा भी तो उनकी बुक जो मैंने पढ़ी थी इस रोल ऑफ टाइप एंड राइज ऑफ कली ये दोनों बुक्स बेसिकली महाभारत को पूरा पोर्ट्रे किया है ब* अभी तक जो भी हमने महाभारत पढ़ी हुई है आल द महाभारत और ऑन द परस्पेक्टिव ऑफ पांडवाज ब* दिस तो बुक्स आर द होल क*्पलीट महाभारत इन द पर्स्पेक्टिव सुयोधन जिसको हम नार्मल महाभारत में दुर्योधन भी जानते हैं ब* उसका एग्जैक्ट नाम सुयोधन था तो उस बुक में 1 अलग थौर्ट दिया था कि हाऊ कारव कारव में भी स्पेशल सुयोधन हाऊ ही इज राइट उस बुक में बहुत सारी चीजें दिखाई थीं की किसे फ्रेंडशिप कहते हैं अगर आपने महाभारत पढ़ी है तो आपको पता होगा कि बहुत सारी चीजों में जैसे गुरु दणाचारयभीहीवज टोटल सपोर्टर ऑफ पांडवा जिसकी वजह से उनको ट्रेनिंग से ज्यादा सपोर्ट दिया जाता था उसके बाद दुर्योधन सौरी दुर्योधन तो नहीं कहना चाहिए सुयोधन और कर्ण 1 बहुत अच्छे दोस्त थे और उस दोस्ती की वजह से सुयोधन ने इतनी ज्यादा लड़ाई की स्पेशल महाभारत वह सा उसमें 1 रीजन यह भी था कि पांडवों ने कर्ण का अपमान किया था सबके सामने तो वो भी 1 और रीजन था कि यह महाभारत का बहुत बड़ा युद्ध हुआ था हां इसमें कुछ निगेटिव कैरेक्टर्स भी थे जो दोनों बुक्स में बहुत महाभारत एंड रोल रोल ऑफ डाइस में जो कि हमारे थे शकुनी मामा जिनका रोल पूरा नेगेटिव था दोनों बुक्स में ही नोट आउट बटन सुयोधन कैसे उसे इन्फ्लुएंस हुआ कैसे 1 अच्छे थॉट प्रोसेस के बाद भी अपने जैसे कहते है रूल्स रेगुलेशन मानना वो साली चीजें थी दोस्ती कैसे निभाना है वो थी सिमिलर जो राइज ऑफ कली बेसिकली टू पार्ट में स्टोरी बहुत ज्यादा लम्बी है तो टू पार्ट में दिया हुआ है की क*्पलीट करने के लिए स्पेशली जब कहता हूँ कि जो राइज ऑफ कली वाला बुक है जिसमें कि सब एंड में मर्ज सारे कौरव हार जाते हैं सुयोधन को भी मार दिया जाता है उसमें थामा को कहा गया था हमारे एक्सटी महाभारत में कि वो कभी मर नहीं सकते तो उस बुक के एंड में आज भी मुझे वो सोच गोजलमसाथीउसबुक एंड में दिखाया गया अचानक से 1 भिकारी है वो 1 छोटी सी पतली सी बुक बाट रहा है लोगों को और बुक बोल रहा था ये है सुयोधन की कहानी सुयोधन जिसने अपने दोस्त के लिए अपनी पूरी जान ने छावर कर दी यह किताब उस दोस्ती की इस दोस्ती कुल से लोगों को सीखना चाहिए कि हां कोई आपका दोस्त है उसे कैसी दोस्ती निभानी चाहिए न कोई उसमें राजनीति आती है न कुछ पैसा आता है कुछ भी नहीं एनीथिंग 1 अच्छे दोस्त के लिए हम सब कुछ लूटा जाता है बिकज हम उस दोस्त को स्पेशल मानते हैं और स्पेशल क्यों मानते हैं क्योंकि वो सामने वाला दोस्त भी आपके साथ दोस्ती निभाने को तैयार है आपके जान देने को तैयार है तो ये सारी चीजें जब पूरा सुना तो 1 अलग सा थौर्ट आ गया था कि क्या सही है, क्या गलत है, क्या धर्म है, क्या धर्म है नो नो महाभारत अगर आप ध्यान से पढ़ो तो पांडवों की तरफ से भी बहुत सारे छल किए गए थे महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए जबकि देखा जाए तो कौरवो ने उसमें नव नार्मल लीगल वेव से खेल रहे है पूरा जो भी युद्ध चल रहा था तो बहुत कुछ लर्निंग है आई सजेस्ट एवरीवन की वो किताब पढ़े सोच का नजरिया बदल जाता है पूरा का पूरा समझ में नहीं आता कि आज तक हम क्या पढ़ते आ रहे थे ओपनिंग कौरव सही है पांडव गलत है यह बात नहीं है हर कोई अपनी जगह पर सही है बस आपको किस सोच की बात है आप किस डायरेक्शन से सोच रहे हैं तो इस बुक को पढिए और फिर आप बताइए कि आपको ये बुक कैसी लगी।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका इतनी गहराई से दोनों बुक्स के रिव्यू करने के लिए। और हाल ही मुझे लगता है कि सबसे इंट्रस्टिंग बात मिथोलॉजी कर को लेकर यह है कि उसको किस ढंग से प्रेजेंट किया जाता है? और और जो नैरेटिव है उसको कितनी इंटरस्टिंग और रेलिवेंट बना सकते हैं? और सही बात है? ऐसा नहीं है कि दुर्योधन गलत थे? या करने का? जो उन्होंने जो स्टैंड लिया वो गलत था? सब सर्कमस्टैल्सेस की बात है। कैसे? हम रिएक्ट करते हैं? शायद? दुर्योधन का? धर्म? वही था? अगर दुर्योधन नहीं होते तो महाभारत शायद होता ही नहीं। और हमें भगवान कृष्ण से सीख मिलनी ही मिलती है।