नमस्कार? हूँ? भूमि पंड्या? s of india, swagat, indian ledy तो चलो? रीडिंग, स्टार्ट करूँ? ओके? त्रिया? कुछ भी छाया नहीं? जाने देती। वो। सहेजती है, संभालती है? सकती है? बातती हैं। उम्मीद की। आखिरी छोर तक? कभी तुरपाई करके, कभी टाका लगाते, कभी टूट दिखा के, कभी हवा जलाके, कभी छाट कर, कभी बिन कर, कभी तोड़ कर, कभी छोड़ कर। देखा होगा न? अपने ही घर में। मैं? खाली?

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