मेरा बुढा़पा

साड़ियों और आधुनिक आउट से मेरा वार्ड रोब भरा रहे। साड़ियों और आधुनिक आउट स्विट से मेरा वॉडरोप भरा रहे। फैंसी फुटवियर से सूर्यक सजा रहे, लाइफस्टाइल हो ऐसा देखकर सब आहें भरे मेरे एंजॉयमेंट पर कोई दखलंदाजी न करें, भले आँख पर हो चश्मा, भले आँख पर हो चश्मा।

परहेज,जवानी,मिठास # मोज मस्ती,शापिंग माल,एन्जोयमेन्ट

Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:05
thank you so much for sharing this 10 आपने बहुत अच्छा सा गाना भी सुनाया thank you।
Rajkumari Khemka
@rajkumari · 0:11

@Gamechanger

थैंक यू आपकी कविता बहुत सुंदर लगी और बुढ़ापे में ऐसी मस्ती मजा गया जानकर।
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:02

@rajkumari

as welcome।