आप किसी की जिंदगी में कुछ खराब भी न करें अगर आप किसी के लिए अच्छा नहीं सोच सकते हैं तो प्लीज बुरा मत सोचो उसके बारे में। समाज कुछ नहीं कहता समाज बस 1 दिन कहता है 1 दिन भी नहीं कहता 2 घंटे कहता है जब तक वो खाना खाता होता है और आपको आपके घर से चला जाता है शादी से वापस उसका बाल में भूल जाता है कौन थे आप का हाता अपनी जिंदगी पर ध्यान दीजिए अपनी खुशियों पर ध्यान दीजिए
और अपने घर के लोगों की जिंदगी खराब कर ली है? उनमें से कई लोग तो दुनिया भी छोड़ चुके हैं। तो यह मुद्दा काफी सीरियस है। और लोगों को यह समझने की जरुरत है कि आप किसी की जिंदगी कंट्रोल नहीं कर सकते? स्पेशली? शादी? जो है। वो बहुत ही पर्सनल डिसीजन होता है। आपका खुद? का डिसीजन? सही? गलत? जो भी। जिंदगी में। वैसे भी कुछ सही? गलत नहीं होता। सब कुछ। कुछ भी ब्लैक? और वाइट नहीं है। सब कुछ ग्रे ही है। जो चीजें आपके लिए सही है? न?
यह अब लोगों के अन्दर खत्म होता जा रहा है। अब लोगों का यह है कि टेडफॉरटायटवाला एटीट्यूट हो रहा है उस पॉइंटरव्यू से। और दूसरा यह कि आय दिन देखना होता है कि अगर आपने यह लिपस्टिक नहीं लगाई तो आप इतना खूबसूरत नहीं लगेंगे या अगर आपने यह नहीं किया तो आप ऐसे नहीं लगेंगे ये जो परसेप्शन लोगों के अन्दर डाली जा रही है उससे आपसी कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है यह मुझे लगता है कहीं न कहीं अंग्रेजों ने।