जीवन के हर हिस्से में ये होते हैं तो इसको बहुत ही डिटेल्स में सत्रहवे और अठारवे अध्याय में हम जानेंगे तो ये भगवान ने कहा और ये मुख्य मुख्य बातें और हम अगले भाग में इसे पूरा करेंगे जो मुख्य मुख्य बातें होती हैं। तो तब तक के लिए जय? श्री कृष्ण आपका विवेक शुक्ला।
भौतिक स्तर पर, विला और उत्कंठा से पूरी तरह से अलग हो गई है? क्योंकि अब शरीर में चेतना ही नहीं है। गुण? सत्य है। और आपके द्वारा सरल शब्दों में उसका व्याख्यान किया गया। ताकि हम जैसे साधारण जनमानस को उसका तात्पर्य समझ में आए। अगले। अध्याय में ज्ञान वर्जन? और ज्ञान वर्धन के लिए आपके अगले पोस्ट की। आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी। बहुत बहुत धन्यवाद।