मैं से मिल गई हूं, जब से खुद से रिश्ता जोड़ लिया है, सुनो जरा गौर से अभी खो गई थी, कहीं गैरों की बातों में, तो कहीं जजमेंट में, और तो कहीं तुलना में, पर खुशी की बात तो यह है कि मिल गई हूँ फिर असली में से, जब से खुद से नाता जोड़ लिया है, तो आज के लिए यही लाइन, यही बातें बस इतना ही धन्यवाद।

Main se mil gyi hun- ye meri antaratma se nikle hue shabd hain jo mere anubhavon se influenced hain.

Premsukh
@Premsukh55 · 0:59
एंड खुद के दिमाग में खुद के जो परसेप्शंस होते हैं पहले से बने हुए जो विचार होते है वो सारे विचार 1 तरीके से कहें तो गायब हो जाते हैं और जिसको अपन बोलते हैं अल्टीमेट हैप्पीनेस चरमानंद उसकी प्राप्ति होती है सो इट्स ग्रेट और ये सही है जब हम खुद से मिलते हैं तो बाकी सब पीछे छूट जाते हैं किसी से कोई मतलब नहीं होता।