अच्छा मगर बताया नहीं कभी तुमने ये कैसे ढलते सूरज को देखते हुए तुम घंटों बिता दिया करते हो कि 1 कप चाय पर तुम कितना कुछ सोचा करते हो? अच्छा मगर बताया नहीं कभी तुमने कि तुम्हारी बातों से ज्यादा तो तुम्हारी खामोशियां बताती है कि तुम्हारे होटो से ज्यादा तो तुम्हारी आँखें कह जाती हैं अच्छा मगर कभी बताया नहीं तुमने।
सुनो? सुनो? सुनो। आज। रात। बोली? लगाई जाएगी? कि कल? कितने में वो घर लाए जाएगे? पढ़ी? लिखी होनी चाहिए? लेकिन सुन्दर होगी? तभी? ब्याही जाएगी। शर्तें कुछ ऐसी है? ध्यान से सुनिए। शर्तें कुछ ऐसी है। के वो सबको प्यार देगी? घर की इज्जत? या? कलन? कहलाई? जाएगी? पति? गुस्सा हो? तो? चुपचाप? काली? और मार? खाएगी। बहु? चाची? ताई? पत्नी। माँ? सबकी भूमिका?
ह**ो गुड ईवनिंग बहुत बहुत बहुत खूबसूरत कविता थी और आपने बहुत सुन्दर शब्दों में स्कोप रोया ब* मुझे 1 बात समझ में नहीं आई की आपने इसको अपने खुद के स्वेल के रूप में क्यों नहीं डाला आपने इसको 1 रिप्लाई के रूप में क्यों डाला बहुत अच्छा खुद लिखी है तो बहुत अच्छी लिखी है और आपके प्रेजेंटेशन भी बहुत अच्छी है सो आई रिक्वेस्ट कि आप इसको अपने पर्सनल से वाइस पोस्ट कीजिये ताकि सबके नोटिस में आ सकें ए ग्रेड पॉइंट।
ह**ो डीजी नाइस पोन अच्छे शब्द थे और बहुत खूबसूरती से आपने उनको प्रेजेंट किया नाइस पोइंट।
ह**ो थैंक यू इतनी प्रशंसा करने के लिए और मुझे बस कविताएं सुनाती नहीं हूँ में सेल पर ज्यादातर अगर आपने कहा है तो मैं जरूर डालूंगी और आप जरूर सुनिएगा बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके आपका दिन शुभ रहे।